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लेखनी कहानी -12-May-2022 दांत का टुकड़ा

"# शाॅर्ट स्टोरी चैलेंज प्रतियोगिता हेतु" 

जॉनर : प्रेम , सस्पेंस 
दांत का टुकड़ा 


सायरा को पार्टियों का बड़ा चस्का था । खाने की बहुत शौकीन थी सायरा । अल्लाह ने क्या नहीं दिया सायरा को ? हुस्न बेशुमार । जैसे अल्लाह ने ठान लिया था कि दुनिया भर का हुस्न बस सायरा पर ही लुटाना है । उसकी एक झलक मिल जाये तो सैकड़ों लोग जी उठें । और दौलत ! अकूत बख्शी थी उसे । दोनों हाथों से भी लुटाये तो भी खत्म ना हो । अपने दोस्तों में वह "पार्टीबाज" के रूप में जानी जाती थी । पार्टियां करती ही रहती थी वह । शहर की सारी जानी मानी होटलों से वह भलीभांति परिचित थी । सबको आजमा चुकी थी वह । उसकी पसंदीदा होटल "कॉन्टीनेन्टल होटल"  ही थी । कारण , वहां का लजीज खाना । जैसा खाना उस होटल का था वैसा कहीं पर भी नहीं था । होटल कॉन्टीनेन्टल की वह परमानेन्ट ग्राहक बन गई थी । 

एक दिन जब उसने खाना खा लिया तो उसने मैनेजर से उस शेफ से मिलने की इच्छा जताई जिसने वह खाना तैयार किया था । हालांकि किसी शेफ से किसी कस्टूमर का मिलना होटल के नियमों के विपरीत था मगर सायरा एक प्रतिष्ठित महिला थी और वह उस होटल की नियमित ग्राहक भी थी इसलिए मैनेजर ने शेफ सलीम को अपने केबिन में बुलवा लिया । 

सलीम एक 25 वर्ष का बहुत स्मार्ट लड़का था । सायरा उसके खाने पर वैसे ही फिदा थी मगर जब उसने सलीम की "हॉटनैस" देखी तो वह उस पर लट्टू हो गई । सलीम ने भी आज तक सायरा सी हुस्न परी देखी नहीं थी । दोनों के स्टेटस में यद्यपि जमीन आसमान का अंतर था मगर इश्क इन सब चीजों को कहां देखता है ?  पहली नजर में ही सायरा सलीम को दिल दे बैठी थी । 

अब तो सायरा की नींदे हराम हो गई थीं और चैन ? उसका तो पूछो ही मत । रात दिन बस सलीम का ही ख्याल आता था उसे । अब तो होटल कॉन्टीनेन्टल सायरा का स्थाई अड्डा बन गया था । 

एक हुस्न परी और वह भी अथाह दौलत की मलिका जो लगातार प्रणय निवेदन कर रही थी, उससे भला सलीम कैसे बचता ? वह भी उसके हुस्न के पाश में बंध गया । उसकी रेशमी जुल्फों की गिरफ्त में आ गया । उसकी शर्बती आंखों की गहराइयों में डूब गया । उसके संगमरमरी बदन की चिकनाई में फिसल गया । दोनों जने इश्क की वादियों में खो गए  । 

सलीम और सायरा "लिव इन" में रहने लगे । सायरा ने अपना तन मन धन सब कुछ सलीम को अर्पित कर दिया । वह उसे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती थी । उसकी दुनिया बस सलीम तक सिमटी हुई थी । 

मुहब्बत की हंसी वादियों में घूमते घूमते सात साल कब निकल गये, पता ही नहीं चला । सायरा ने सलीम को निकाह पढने के लिए कहा मगर सलीम टालता रहा । सायरा को भी कोई जल्दी नहीं थी क्योंकि उसे अपने प्यार पर विश्वास था । 
कुछ दिनों से सलीम का कोई अता पता नहीं चल रहा था । सायरा बहुत परेशान सी थी । सायरा ने सलीम के घरवालों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कह दिया कि सलीम तो बहुत दिनों से उधर आया ही नहीं था । सलीम के घरवाले और सायरा दोनों ही बहुत परेशान थे । दोनों लोग थाने जाकर सलीम की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवा आये । पुलिस ने अपनी तरह से ढूंढने की कोशिश भी की मगर सलीम का कुछ अता पता नहीं चला । 

सलीम को गायब हुए करीब दो महीने हो गए थे । सलीम के घरवाले बहुत परेशान हो रहे थे । सलीम का छोटा भाई सलमान एक दिन सायरा के घर आया । सायरा उसके लिए शेक बनाने के लिए किचन में आ गई।  सलमान भी पीछे पीछे किचन में चला गया । सायरा शेक बनाते बनाते सलमान से बातें भी करती जा रही थी और सलीम को ढूंढने का प्लान भी बना रही थी ।

अचानक सलमान की नजर किचन में रखे एक मिक्सर ग्राइंडर पर पड़ी । मिक्सर ग्राइंडर बहुत बड़ा था । आमतौर पर घरों में इतना बड़ा मिक्सर ग्राइंडर नहीं होता है, होटल रेस्टोरेंट वगैरह में ही होता है । उसे देखकर सलमान ने उत्सुकतावश पूछा "इतना बड़ा मिक्सर ? क्या जरूरत पड़ गई इसकी आपको" ? 
"कभी कभी मैं गरीब लोगों को अपने हाथ का खाना बनाकर खिलाती हूं । तब यह मिक्सर काम आता है । इससे काम आसान हो जाता है । आप तो जानते ही हैं भाईजान कि मुझे "शामी कबाब" कितना पसंद है । इसी शामी कबाब के शौक ने ही तो मुझे तुम्हारे भाईजान से मिलवाया था । सलीम  बनाता भी बहुत शानदार है । मैंने भी सीख लिया है उससे "शामी कबाब" बनाना । हमारे पास में ही एक बहुत बड़ी बिल्डिंग बन रही है । उसमें करीब चालीस पचास मजदूर काम करते हैं । कभी कभी उन गरीब मजदूरों के लिए मैं बिरियनी और "शामी कबाब" बनाकर खिला देती हूं । इससे मुझे बहुत सुकून मिलता है" । सायरा इस जनसेवा से बड़ी खुश नजर आ रही थी । 

सलमान ने इतना बड़ा मिक्सर कभी देखा नहीं था इसलिए वह अपनी जिज्ञासा के कारण उस मिक्सर को देखने लग गया । उसने उसे खोला और अच्छी तरह से देखने लगा । अचानक उस मिक्सर से एक छोटा सा हड्डी का टुकड़ा जो कहीं फंसा पड़ा था , गिर पड़ा । सलमान ने उसे गौर से देखा तो पता चला कि वह हड्डी का नहीं बल्कि किसी दांत का एक छोटा सा टुकड़ा था । वह चौंका । मिक्सर में दांत का टुकड़ा कहां से और कैसे आया , वह सोचने लगा ।

"ये दांत का टुकड़ा इसमें फंसा पड़ा था, भाभी । ये कैसे आया इसमें" ? 

दांत का टुकड़ा शब्द सुनकर सायरा एकदम से चौंकी और सलमान पर झपटी " कहां है वह दांत का टुकड़ा" ? 

अब सलमान के चौंकने की बारी थी । सायरा इतनी बदहवास क्यों हो गई है इस दांत के टुकड़े को लेकर । क्या राज है इसमें ? क्या यह दांत का टुकड़ा कुछ राज खोलने वाला है? सलमान विचार करने लगा । सायरा उस दांत के टुकड़े को छीनने का प्रयास करने लगी । सलमान का शक अब यकीन में बदल रहा था । "इस दांत के टुकड़े" में अवश्य ही कोई राज छुपा हुआ है । उसने उसे गौर से देखा तो पाया कि वह दांत का टुकड़ा किसी आदमी के दांत का टुकड़ा है न कि किसी जानवर का । अगर आदमी के दांत का टुकड़ा है तो वह मिक्सर में कैसे फंसा ? यह विचारणीय प्रश्न था । सलमान के दिमाग में शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा । वह उस दांत के टुकड़े को लेकर पुलिस स्टेशन आ गया और सारी बात बताकर वह टुकड़ा पुलिस को सौंप दिया । पुलिस ने उसे फॉरेंसिक लैब भेज दिया जिससे रिपोर्ट आ गई कि वह किसी आदमी के दांत का ही टुकड़ा है । अब शक की कोई गुंजाइश नहीं रही । 

सलमान पुलिस को लेकर सायरा के घर गया । पुलिस ने वह मिक्सर अपने कब्जे में ले लिया और सायरा को गिरफ्तार कर थाने ले आई।  सायरा से जब कड़ी पूछताछ की गई तो उसने सारा राज खोल दिया । 

सायरा सलीम से बेहद प्यार करती थी । वह सात साल से सलीम के साथ लिव इन में रह रही थी । लेकिन सलीम एक अय्याश आदमी निकला । सायरा जैसी खूबसूरत और धनवान प्रेमिका होने के बावजूद सलीम को और भी लड़कियां चाहिए थी । सायरा को इसकी भनक भी नहीं थी कि सलीम के और लड़कियों से भी संबंध हैं । 

एक दिन लंदन से उसकी एक दोस्त आई थी । उससे मिलने के लिए वह होटल हयात में गई थी । वह होटल हयात के लॉन्ज में बैठी अपनी दोस्त का इंतजार कर रही थी कि उस होटल से सलीम किसी लड़की की बांहों में बांहें डाले बाहर निकला । सायरा यह सीन देखकर सकते में आ गई । जिस आदमी के प्यार में उसने अपना तन मन धन सब कुछ दांव पर लगा दिया था, वह इस तरह गुलछर्रे उड़ा रहा है, इस बात को वह सहन नहीं कर सकी थी । 

एक दिन मौका पाकर सायरा ने सलीम का मोबाइल चैक किया तो उसमें सलीम की बहुत सी लड़कियों के साथ आपत्तिजनक फोटो और वीडियोज मिले । सायरा खुद को ठगी हुई महसूस करने लगी । उसके प्यार का 'खून' वो भी अपने ही प्रेमी के द्वारा ! इससे बड़ा सदमा और क्या हो सकता था ? वह पागल सी हो गई थी । 

एक दिन उसने तय कर लिया कि सलीम की इस बेवफाई की सजा वह अवश्य देगी उसे । उसने एक प्लान तैयार किया ।  बाज़ार से वह एक बड़ा सा मिक्सर लेकर आई और उसने शामी कबाब और बिरियनी बनाकर मजदूरों को खिला दिये । मजदूर भी बड़े खुश थे इतने लजीज खाने से । अपनी सारी वेदना छुपाकर सायरा सलीम से नॉर्मल व्यवहार कर रही थी । 

एक दिन सायरा ने सलीम के दूध में नींद की गोली मिला दी जिससे सलीम गहरी नींद में सो गया । सायरा ने सोते हुए सलीम के मुंह पर तकिया रखा और उस पर वह बैठ गई।  पांच मिनट तक वह बैठी रही । जब वह आश्वस्त हो गई कि सलीम मर चुका है तब वह नीचे उतरी । गोश्त काटने के छुरे से उसने सलीम के चार टुकडे किये । एक एक टुकड़े से उसने लगातार चार दिन "शामी कबाब" बनाए और बिरियनी के साथ मजदूरों को खिला दिए । सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी । किसी को कानों कान भनक तक नहीं लगी थी । 

सायरा सलीम के घरवालों से मिलकर झूठमूठ में ही सलीम के गायब होने का स्वांग रच रही थी । मगर वह शायद भूल गई थी कि सच एक न एक दिन सामने आ ही जाता है । एक प्रेम कहानी का ऐसा अंत भी होगा, यह उसने कभी सोचा नहीं था । वह आज भी सोचती है कि उसके प्यार में कहां कमी रह गई थी ? मगर कोई जवाब नहीं मिल पाया है उसे अभी तक । अब तो जिंदगी भर सोचना ही सोचना है, और कोई काम तो अब बचा नहीं है । 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
12.5.2022 


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14 Comments

Anam ansari

14-May-2022 09:38 AM

Nice

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Shnaya

13-May-2022 09:57 PM

Very nice 👍🏼

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Haaya meer

13-May-2022 09:49 PM

Amazing

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